राजपथ से योगपथ, भोग भ्रष्टाचार नहीं, योग अब पहचान
पसूका द्वारा ट्वीट किया गया चित्र -युगदर्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह के भाग के रूप 40,000 लोगों का एक कीर्तिमान सभा के साथ राजपथ पर योग का प्रदर्शन
पसूका द्वारा भेजे गए चित्र -युगदर्पण
अब तक भारत विश्व गुरु की पहचान भूल कर आधुनिकता के फेर में भोगवादी बना, विश्व का पिछलग्गू बना हुआ था, भोग भ्रष्टाचार की दलदल में धंसता जा रहा था। अब नए नेतृत्व ने योग से अपनी विश्व नेतृत्व की क्षमताओं को प्रकट कर, विश्व गुरु की शक्तियों को जागृत करना आरम्भ कर दिया है। इस नई पहचान में विश्व पटल पर भारत की छवि एवं क्षमताओं को उसका खोया स्थान प्रदान करने की दिशा में, प्रथम चरण तथा एक वर्षीय सरकार की बड़ी उपलब्धि भी माना जायेगा। -सं युगदर्पण तिलक, 7531949051
राजपथ से योगपथ, भोग भ्रष्टाचार नहीं, योग अब पहचान
नदि, पसूका /युदस। प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, राजपथ पर आयोजित सामूहिक योग प्रदर्शन कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री जी द्वारा दिया गया वक्तव्य |
देशभर में और विश्वभर में योग से जुड़े हुए सभी महानुभाव
आज कभी किसी ने सोचा होगा कि ये राजपथ भी योगपथ बन सकता है। 'संरासं' के द्वारा आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आरम्भ हो रहा है। किन्तु मैं मानता हूं, आज 21 जून से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से न केवल एक दिवस मनाने का प्रारम्भ हो रहा है अपितु शांति, सद्भावना इस ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए, मानव मन को प्रशिक्षित करने के लिए एक नए युग का आरम्भ हो रहा है। कभी-कभार बहुत-सी चीजों के प्रति अज्ञानतावश कुछ विकृतियां आ जाती हैं। सदियों से ये परम्परा चली है, कालक्रम में बहुत सी बातें उसमें जुड़ी हैं।
विहंगम दृश्य: विश्व योग दिवस, भारतीय जीवन शैली के महत्त्व को स्वीकारते 193 देशों ने मनाया, इसका 21 जून को साक्षी बना राजपथ
मैं आज ये कहना चाहूंगा कि सदियों से जिन महापुरूषों ने, जिन ऋषियों ने, जिन मुनियों ने, जिन योग गुरूओं ने, जिन योग शिक्षकों ने, जिन योग अभ्यासियों ने इस परम्परा को निभाया है, आगे बढ़ाया है उसमें विकास के केंद्र -बिंदु जोड़े भी हैं। मैं आज पूरे विश्व के ऐसे महानुभावों को आदरपूर्वक नमन करता हूं और मैं उनका गौरव करता हूं।
ये शास्त्र किस भू-भाग में पैदा हुआ, किस भू-भाग तक फैला, मैं समझता हूं मेरे लिए उसका अधिक महत्व नहीं है। महत्व इस बात का है कि विश्व में हर प्रकार की क्रांति हो रही है। विकास की नई-नई ऊंचाइयों पर मानव पहुंच रहा है, तकनीक एक प्रकार से मनुष्य जीवन का अंग बन गई है, अन्य सब बढ़ रहा है। शेष सब तेज गति से बढ़ रहा है, किन्तु कहीं ऐसा तो न हो कि मानव वहीं का वहीं रह जाए। यदि मानव वहीं का वहीं रह गया और विश्व में सारी की सारी व्यवस्थाएं विकसित हो गईं, तो यह असंतुलन भी मानव जाति के लिए संकट का कारण बन सकता है और इसलिए आवश्यक है कि मानव का भी आंतरिक विकास होना चाहिए, उत्कर्ष होना चाहिए।
आज विश्व के पास योग एक ऐसी विद्या है और जिसमें विश्व के अनेक भू-भागों के अनेक रंग वाले लोगों ने, अनेक परंपरा वाले लोगों ने अपना-अपना योगदान दिया है। उन सबका योगदान स्वीकार करते हुए अंतर्मन को कैसे विकसित किया जाए, अंतर–ऊर्जा को कैसे सशक्त बनाया जाए, मनुष्य तनावपूर्ण जीवन से मुक्त हो करके, शांति के मार्ग पर जीवन को कैसे प्रशस्त करे। अधिकतर लोगों के मस्तिष्क में योग, अर्थात एक प्रकार से अंग-मर्दन का कार्यक्रम है। मैं समझता हूं यह सबसे बड़ी भूल है। योग, यह अंग-उपांग मर्दन का कार्यक्रम नहीं है। यदि यही होता, तो सर्कस में काम करने वाले बच्चे योगी कहे जाते और इसलिए मात्र शरीर को कितना हम लचीला बनाते हैं, कितना मोड़ देते हैं, वो योग नहीं है। हमने कभी-कभार देखा है संगीत का बड़ा उत्सव चलता हो और संगीत के उत्सव के प्रारंभ में, जो वाद्य बजाने वाले लोग हैं वो अपने-अपने ढंग से ठोक-पीट करते रहते हैं। कोई तार ठीक करता है, कोई तबला ठीक करता है, कोई ढोल ठीक करता है, पांच मिनट-सात मिनट लगते हैं, तो जो दर्शक होता है उसको लगता है कि यार ये शुरू कब करेंगे, जिस प्रकार से संगीत शुरू होने से पहले, ये जो ताल-ठोक का कार्यक्रम होता है और बाद में एक सुरीला संगीत निकलता है। ये ताल-ठोक वाला कार्यक्रम पूरे संगीत समारोह में बहुत छोटा होता है, ये आसन भी पूरी योग अवस्था में उतना ही उसका भाग है। शेष तो यात्रा बड़ी लंबी होती है और इसीलिए उसी को जानना और पहचानना आवश्यक हुआ है। और हम उस दिशा में ले जाने के लिए प्रयत्नरत हैं।
मैं आज 'संरासं' का आभार व्यक्त करता हूं। विश्व के 193 देशों का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने सर्वसम्मति से इस प्रकार के प्रस्ताव को पारित किया और मैं उन 177 देशों का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने सह-प्रायोजक बन करके योग के महत्व को स्वीकारा और आज सूर्य की पहली किरण जहां से प्रारंभ हुई और चौबीस घंटे के बाद सूर्य की अंतिम किरण जहां पहुंचेगी। सूर्य की कोई भी किरण ऐसी नही होगी, सूर्य की कोई यात्रा ऐसी नहीं होगी कि जिन्हें इन योग अभ्यासियों को आशीर्वाद देने का अवसर न मिला हो। पहली बार विश्व को यह स्वीकार करना होगा कि अब ये सूर्य योग अभ्यासियों की जगह से कभी ढलता नही है वो पूरा चक्र जहां सूर्य जाएगा, वहां-वहां योग अभ्यास उपस्थित होगा। ये बात आज विश्व में पहुँच चुकी है।
मन, बुद्धि, शरीर और आत्मा ये सभी संतुलित हो, संकलित हो, सहज हो इस अवस्था को प्राप्त करने में योग की बहुत बड़ी भूमिका होती है। मै आज इस महान पर्व के प्रारंभ के समय, ये केवल और केवल मानव कल्याण का कार्यक्रम है, तनाव मुक्त विश्व का कार्यक्रम है, प्रेम, शांति, एकता और सद्भावना का कार्यक्रम है, संदेश पहुंचाने का कार्यक्रम है और इसे जीवन में उतारने का कार्यक्रम है।
मैं इस कार्यक्रम के लिए हृदय से बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। पूरे भारत में, हर गली-मोहल्ले में जो योग का वातावरण बना है, उस वातावरण को हम निरंतर आगे बढ़ाएंगे। इसी एक अपेक्षा के साथ आप सभी को मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
यह भी देखें 1) राजपथ के अतिरिक्त देश के प्रदेशों तथा विदेशों में केंद्रीय मंत्रियों के नेतृत्व तथा प्रशिक्षित विशषज्ञों की देखरेख में चले महा पर्व की महा झांकी :
2) बाद में विज्ञान भवन में चला अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मलेन का आयोजन :
सभी सफेद वस्त्र और एक तिरंगा दुपट्टा पहने, लाल चटाई पर प्रधानमंत्री मोदी ने लगभग 37,000 लोगों के साथ, वज्रासन और पद्मासन का अभ्यास प्रदर्शन किया। (योग दिवस के 5 सबसे अच्छा चित्र)
"योग दैनिक जीवन का एक अंग है," प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, उनका कहना "योग आपके शरीर आकार में मरोड़ना मात्र नहीं है। यदि यह सच होता, सर्कस में काम कर रहे लोगों को योगी कहा जाता।"
64 वर्षीय प्रधानमंत्री, मंत्रों और तानपुरा की आवाजों का पालन करने के लिए हिंदी और अंग्रेजी में दिए निर्देशों पर वापस जाने से पूर्व, अपने आसपास योग प्रदर्शन कर रहे छात्रों का निरीक्षण करने के लिए कुछ क्षण रुके ।
"प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विश्व भर के लोगों के लिए बधाई! योग हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने के लिए हम सब प्रतिज्ञा लें। #योगदिवस" प्रधानमंत्री ने आज प्रात: ट्वीट किया था।
सरकार ने जो नौकरशाहों, मंत्रियों और सैनिकों को कई दिनों से प्रशिक्षित किया था, उसे यह आशा है कि "एक ही स्थल पर अब तक, सबसे बड़ा योग कक्षा के भव्य आयोजन के लिए गिनीज बुक का विश्व कीर्तिमान स्थापित होगा।" इसके पूर्व सबसे बडा ऐसा सत्र ग्वालियर में लगभग 30,000 छात्रों द्वारा किया गया।
मोदी सरकार के कट्टर आलोचक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी राजपथ योग प्रदर्शन करते देखा गया था। "योग एक अच्छी बात है। हर किसी को यह करना चाहिए," उन्होंने संवाददाताओं से कहा।
विशालकाय डिजिटल स्क्रीन, सुरक्षा व्यवस्था, 8,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों के साथ गणतंत्र दिवस समारोह से स्पर्धा करता राजपथ से घटना का सीधा प्रसारण।
पूरे भारत में एक साथ इसी प्रकार के योग आयोजनों में शामिल हुए वसुंधरा राजे, चंद्रबाबू नायडू और रघुबर दास जैसे मुख्यमंत्री।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद गत वर्ष योग का एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस की घोषणा की गई।
योग दिवस विश्व के अन्य भागों में भी मनाया जा रहा है; ब्रिटेन में योग दिवस समारोह मैट टेम्स नदी के किनारे शुरू हो जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में न्यूयॉर्क में टाइम्स स्क्वायर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस अवसर पर उपस्थित रहेंगी।
Dressed in all-white and a tricolour scarf, PM Modi performed a variety of poses, including the Vajrasan and Padmasan, along with nearly 37,000 people on red mats. (5 Best Pics of Yoga Day)
"Yoga is an everyday part of life," said PM Modi, adding, "Yoga is not just for contorting your body into shapes. If that were true, people working in the circus would be called yogis."
The 64-year-old prime minister briefly stopped to inspect students performing yoga around him before going back to following instructions spoken out in Hindi and English to the sounds of chanting and Tanpura.
The prime minister had tweeted early this morning: "Greetings to people around the world on 1st International Day of Yoga! Lets pledge to make Yoga an integral part of our daily lives #YogaDay."
The government hopes that the grand event, also featuring bureaucrats, ministers and soldiers who had trained for days, will make it to the Guinness Book of World Records for the "largest yoga class at a single venue." Till now, the largest such session was by nearly 30,000 students in Gwalior.
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal, locked in a bitter row with the Modi government, was also spotted at Rajpath performing yoga. "Yoga is a good thing. Everyone should do it," he told reporters.
Giant digital screens beamed the event live from Rajpath, where security arrangements rivaled Republic Day celebrations with over 8,000 security personnel.
Similar yoga events took place simultaneously across India, with Chief Ministers like Vasundhara Raje, Chandrababu Naidu and Raghubar Das joining in.
The UN announced an International Day of Yoga last year after PM Modi's appeal at the General Assembly.
Yoga Day is also being celebrated in the rest of the world; in Britain, mats will be rolled out along the banks of the River Thames. Foreign Minister Sushma Swaraj will be at the UN's headquarters in New York for the Yoga Day celebrations in Times Square.
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यह भी देखें 1) योग द्वारा भारत ने किया विश्व का एकाकार
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2) बाद में विज्ञान भवन में चला अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मलेन का आयोजन :
http://jeevanshailydarpan.blogspot.in/2015/06/blog-post_21.html
पूरा परिवेश पश्चिम की भेंट चढ़ गया है |
उसे संस्कारित, योग, आयुर्वेद का
अनुसरण कर
हम अपने जीवन को
उचित शैली में ढाल सकते हैं |
आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक |
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