श्री गणेशाय नम: आत्मा, मन और कर्म पवित्र बनायें , जीवन अलौकिक बन जायेगा।
पश्चिम की भौतिकवादी जीवन शैली में चेहरा फैशन हाव भाव धन का प्रदर्शन ही सब कुछ है। उसका अनुसरण कर हम भी फेस बुक में अपने पार्श्व चित्र लगा कर चाहते हैं, सभी मित्र प्रशंसा करे। किन्तु प्रशंसा योग्य हमारे कर्म या आत्मा को बनने का प्रयास कभी नहीं करते। भौतिक जीवन से उठ इसे अलौकिक बनायें।
पूरा परिवेश पश्चिम की भेंट चढ़ गया है | उसे संस्कारित, योग, आयुर्वेद का अनुसरण कर हम अपने जीवन को उचित शैली में ढाल सकते हैं | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
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