नव संवत 2071, चैत्र प्रतिपदा की शुभकामनाएं। आप सभी को सपरिवार मंगलमय हो।
अंग्रेजी का नव वर्ष भले हो मनाया,
उमंग उत्साह चाहे हो जितना दिखाया;
विक्रमी संवत बढ़ चढ़ के मनाएं,
चैत्र के नवरात्रे जब जब आयें।
घर घर सजाएँ उमंग के दीपक जलाएं;
खुशियों से ब्रहमांड तक को महकाएं।
यह केवल एक कैलेंडर नहीं, प्रकृति से सम्बन्ध है;
इसी दिन हुआ सृष्टि का आरंभ है।
तदनुसार 31 मार्च 2014, इस धरा के वराह कल्प की 1955885114वीं वर्षगांठ तथा इसी दिन सृष्टि का शुभारंभ हुआ. आज के दिन की प्रतिष्ठा ?
1. भगवान राम का जन्म एवं कालांतर में राज्याभिषेक. 2. युधिस्ठिर संवत का आरंभ 3. विक्रमादित्य का दिग्विजय सहित विक्रमी संवत 2070 वर्ष पूर्व आरंभ 4. वासंतिक नवरात्र का शुभारंभ 5. शिवाजी महाराज की राज्याभिषेक. 6. राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के संस्थापक डॉ
केशव बलिराम हेडगेवर जी का जन्म 7. आर्य समाज की स्थापना भी वर्षप्रतिपदा को हुई। देश के विभिन्न क्षेत्रों में इसे गुडी पडवा, उगादी, दुर्गा पूजा आदि के रूप में मनाते है। ईश्वर हम सबको ऐसी इच्छा शक्ति प्रदान करे, जिससे हम अखंड माँ भारती को जगदम्बा का स्वरुप प्रदान करे।
धरती मां पर छाये वैश्विक ताप रुपी दानव को परास्त करे... और सनातन धर्म की जय हो।..
युगदर्पण परिवार की ओर से अखिल विश्व में फैले हिन्दू समाज सहित,चरअचर सभी के लिए गुडी पडवा, उगादी,
नव संवत 2071 , चैत्र प्रतिपदा की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं।
जय भबानी, जय श्री राम, भारत माता की जय.
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, तब पायें - नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक
व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प- युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. हिंदी साप्ताहिक राष्ट्रीय समाचार पत्र, 2001
से पंजी सं RNI DelHin 11786/2001 (Join YDMS ;qx&niZ.k विशेष प्रस्तुति विविध विषयों के 28 ब्लाग,
5 चैनल व अन्य सूत्र।) की 60 सेअधिक देशों में एक वैश्विक पहचान है।
जागो और जगाओ! जड़ों से जुड़ें,
युगदर्पण मीडिया समूह YDMS से जुड़ें!! इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक, बन कर।
विश्व कल्याणार्थ भारत को विश्व गुरु बनाओ !!! যুগ দর্পণ, યુગ દર્પણ ਯੁਗ ਦਰ੍ਪਣ, யுகதர்பண യുഗദര്പണ యుగదర్పణ ಯುಗದರ್ಪಣ, يگدرپ, युग दर्पण:, ;qx&niZ.k yugdarpan.
Media For Nation First and last. राष्ट्र प्रथम से अंतिम, आधारित मीडिया YDMS, तिलक -समूह संपादक
युग दर्पण मीडिया समूह Yug Darpan Media Samooh
YDMS 9911111611, 7531949051, 9999777358, 9911383670.
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
http://dharmsanskrutidarpan.blogspot.in/2014/03/2071.html
पूरा परिवेश पश्चिम की भेंट चढ़ गया है |
उसे संस्कारित, योग, आयुर्वेद का
अनुसरण कर
हम अपने जीवन को
उचित शैली में ढाल सकते हैं |
आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक