सुखसुविधा की खोजमें भागदौड़ ने हमारे जीवनसे स्वस्थ व शांति को छीन, हमें विचलित कर दिया। तन, मन व वातावरण सहित पूरा परिवेश पश्चिमकी भेंट चढ़ गया है। उसे सही मार्ग पर लाने हेतु खानपान, रहनसहन, रीतिरिवाज़ सहित संस्कारित करने हेतु तत्त्वज्ञान, वास्तु,योग, आयुर्वेद का अनुसरण कर हम अपने जीवनको उचित शैली में ढाल सकते हैं। यदि आप इस विषयमें विशेष योग्यता रखते है, लिखें, निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 9999777358.

बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Monday, March 28, 2016

विक्षिप्त क्यों? भारत, मोदी तथा हिंदुत्व के विरोधी

विक्षिप्त क्यों? भारत, मोदी तथा हिंदुत्व के विरोधी 
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका; विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये।
अपनी धर्म संस्कृति को जीवन शैली का आधार बनायें, भारत को एक बार पुनः विश्व गुरु बनायें। - तिलक
शिवलिंग, वर्षप्रतिपदा तथा अन्य सभी भारतीय मान्यताओं का वैज्ञानिक आधार जानिए। रेडियोधर्मिता का किसी शिवलिंग, ज्योतिर्लिंग से सम्बन्ध जानिए। नालंदा तक्षशिला की शिक्षा जानिए। तब समझमें आएगा, भारत वास्तव में विश्व गुरु था, हिंदू व उसमे विश्व गुरु के, वे तत्व विध्यमान होने से, क्यों बौखलाते हैं भारत के शत्रु ? तथा भारत में नई सत्ता से भारत के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया, क्यों उन्हें विक्षिप्त बना रही है।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा तो कि शिवलिंग ब्रह्माण्ड का प्रतिनिधी, रेडियोधर्मिता का प्राकृतिक केंद्र व प्रतीक माना जाता है। इतना ही नहीं, सक्रिय रेडियोधर्मिता सभी ज्योतिर्लिंग की विशेषता है। अर्थात सम्पूर्ण वैज्ञानिक शक्तिपुंज की आराधना। यह प्रमाण है, युगों पूर्व भारत के वैज्ञानिक चरम का।
किन्तु शर्मनिरपेक्ष दलों व उनके दल्लों, शर्मनिरपेक्ष भांड मीडिया ने उसके प्रति नकारात्मक भाव भरना ही है।
उसी नकारात्मक शर्मनिरपेक्ष भांड मीडिया का सकारात्मक विकल्प, विविध विषयों के 30 ब्लॉग YDMS
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पूरा परिवेश पश्चिम की भेंट चढ़ गया है | उसे संस्कारित, योग, आयुर्वेद का अनुसरण कर
हम अपने जीवन को उचित शैली में ढाल सकते हैं | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक

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