पूरा परिवेश पश्चिमकी भेंट चढ़ गया है.उसे संस्कारित,योग,आयुर्वेद का अनुसरण कर हम अपने जीवनको उचित शैली में ढाल सकते हैं! आओ मिलकर इसे बनायें- तिलक
Tuesday, September 18, 2012
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश:
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश: ज्ञान और समृद्धि के दाता, भगवान गणेश के जन्म दिन पर, जो भाद्रपद शुक्ल पक्ष के चौथे दिन मनाया जाता है l गणेश चतुर्थी के उत्सव के पाँच, सात या दस दिनों तक होते है l कुछ लोग बीस दिनों तक भी मानते है, किन्तु सबसे लोकप्रिय पर्व दस दिन मनाया जाता है l दाहिने हाथ पथ की परंपरा में पहला दिन सबसे महत्वपूर्ण है l बाएं हाथ पथ परंपरा में अंतिम दिन सबसे महत्वपूर्ण है l
पूरा परिवेश पश्चिमकी भेंट चढ़ गया है.उसे संस्कारित,योग,आयुर्वेद का अनुसरण कर हम अपने जीवनको उचित शैली में ढाल सकते हैं! आओ मिलकर इसे बनायें- तिलक
गणेश बुद्धि और समृद्धि के देवता है और इस नाते हिंदुओं द्वारा किसी भी शुभ काम का शुभारम्भ श्री गणेश जी की साक्षी में किया है l यह माना जाता है कि आकाँक्षाओं की पूर्ति के लिए उनके आशीर्वाद नितांत आवश्यक है l पौराणिक कथाओं के अनुसार, वह शिव और पार्वती के पुत्र, उनके भाई बहन है, कार्तिकेय - देवताओं के मुखिया, लक्ष्मी धन की देवी और सरस्वती विद्या की देवी l जिसका वाहन मूषक या चूहा और जिसे मोदक (छोटी बूंद के लड्डू) प्रिय है l हिंदू पौराणिक कथाओं में कई कहानियाँ, हाथी की सूंड में इस भगवान के जन्म के साथ जुड़ हैं l
किंवदंती है कि पार्वती स्नान के लिए जाती, बाहर चंदन की लोई का पुतला बना, उसमे प्राण संचार करा, बैठा देती l एक दिन जब उसके पति, शिवजी लौटे, एक अपरिचित बालक ने उन्हें रोक दिया l शिवजी ने बच्चे का सिर काटा और घर में प्रवेश किया l पार्वती, यह जानकर कि उसका बेटा मर गया, व्याकुल हो गई और शिवजी से उसे पुनर्जीवित करने के लिए कहा l शिवजीने एक हाथी का सिर काटा और यह गणेश के शरीर पर लगा दिया l
गणपति गणेश की विशेषताएं:- एक और किंवदंती है कि कैसे एक दिन देवताओं ने अपने नेता को चुनने का निर्णय किया और एक दौड़ भाई कार्तिकेय और गणेश के बीच आयोजित की गई l जो कोई भी पृथ्वी के 3 परिक्रमा पहले ले लिया, गणाधिपति या नेता माना जाएगा l कार्तिकेय अपने वाहन के रूप में एक मोर पर बैठा, गणेशजी के पास एक फुदकता चूहा है l गणेश जी को आभास हुआ कि परीक्षण सरल नहीं था, किन्तु वह अपने पिता की अवज्ञा नहीं करे l यह सोच अपने माता पिता के प्रति आदर व श्रद्धा का भाव रखते हुए और उनके चारों ओर 3 बार प्रदक्षिणा लगाई l इस तरह कार्तिकेय से पहले परीक्षण पूरा हो गया है l उन्होंने कहा, "मेरे माता पिता, पूरे ब्रह्मांड में व्याप्त है और उनकी प्रदक्षिणा, पृथ्वी की प्रदक्षिणा से अधिक है l" हर किसी को गणेश के तर्क और बुद्धि चातुर्य से सुखद आश्चर्य था और इसलिए उन्हें गणेश, गणाधिपति या नेता, अब गणपति के रूप में जाना जाता है l
गणेश चतुर्थी समारोह
गणेश चतुर्थी का त्योहार महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश और भारत के कई अन्य भागों में मनाया जाता है l छत्रपति शिवाजी महाराज, महान मराठा शासक, द्वारा संस्कृति और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था l पश्चिमी शासन के विरुद्ध लोगों को प्रेरित करने, राजनीतिक नेता जो भाषण दिया करते थे, ब्रिटिश ने सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था l इस की पृष्ठभूमि में लोकमान्य तिलक (स्वतंत्रता सेनानी) ने स्वतंत्रता संग्राम के संदेश का प्रसार के लिए, त्योहार को एक सार्वजानिक रूप देकर, भारतीय एकता का अनुभव कर दिया और उनकी देशभक्ति की भावना और विश्वास को पुनर्जीवित किया l यह सार्वजनिक त्योहार इतना लोकप्रिय है कि तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती हैं l
घरों और सड़क के किनारों में, और गणेश प्रतिमा स्थापित में, व्यापक प्रकाश व्यवस्था, सजावट, दर्पण और फूलों की व्यवस्था कर रहे हैं l पूजा, प्रार्थना (सेवाएं) दैनिक प्रदर्शन कर रहे हैं l कलाकारों जो गणेश की मूर्तियां और अधिक भव्य 10 मीटर से 30 मीटर की ऊंचाई में कर और सुरुचिपूर्ण मूर्तियों बनाने में, एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं l इन मूर्तियों को फिर से सजाया तथा एक, तीन, पांच, सात और दस दिनों के बाद हजारों लोगों के जुलूस द्वारा नगाड़े की थाप, भक्ति गीत और नृत्य के साथ पवित्र मूर्तियों को समुद्र में विसर्जित किया जाता है l समुद्र तट पर एकाग्र करने के लिए समुद्र में विसर्जित कर देते हैं l समारोह, गणेश महाराज की जय! " (गणेश भगवान की जय). "गणपति बप्पा मोर्य, पुडचा वर्षी लॉकर फिर" (भगवान की जय हो गणेश, जल्द ही फिर से, अगले साल वापसी के मंत्र के साथ, अगले साल वापसी की प्रार्थना के साथ, समाप्त होता है l युग दर्पण मिडिया समूह पूरा परिवेश पश्चिमकी भेंट चढ़ गया है.उसे संस्कारित,योग,आयुर्वेद का अनुसरण कर हम अपने जीवनको उचित शैली में ढाल सकते हैं! आओ मिलकर इसे बनायें- तिलक
Tuesday, September 4, 2012
जीवन जीने का अर्थ
जीवन जीने का अर्थ ...- तिलक
स्वांस लेना ही, कोई जीवन नहीं; यदि अर्थ जीने का, समझ आता नहीं।
जीवन है, एक तालाब; जब तक बाहरी विश्व से, परिचित नहीं है आप।
जीवन है, एक नदी; समय की धारा पहचान कर, तैरना जानते नहीं यदि।
जीवन है, एक धारा; यदि लक्ष्य से भटकना, किसी भी कारण हो, स्वीकारा।
जीवन एक, सागर है; जब ह्रदय आपका, वसुधैव कुटुम्बकम की गागर है।
जीवन तब, महासागर है; यदि लक्ष्य की सफलता के, बने आप पारंगत हैं।
जीवन उनका, सुंदर है; राष्ट्र हित जीने का साहस, जिनके मन अंतर में है।
पूरा परिवेश पश्चिमकी भेंट चढ़ गया है.
उसे संस्कारित, योग, आयुर्वेद का
अनुसरण कर हम अपने जीवन को
उचित शैली में ढाल सकते हैं!
आओ मिलकर इसे बनायें- तिलक
स्वांस लेना ही, कोई जीवन नहीं; यदि अर्थ जीने का, समझ आता नहीं।
जीवन है, एक तालाब; जब तक बाहरी विश्व से, परिचित नहीं है आप।
जीवन है, एक नदी; समय की धारा पहचान कर, तैरना जानते नहीं यदि।
जीवन है, एक धारा; यदि लक्ष्य से भटकना, किसी भी कारण हो, स्वीकारा।
जीवन एक, सागर है; जब ह्रदय आपका, वसुधैव कुटुम्बकम की गागर है।
जीवन तब, महासागर है; यदि लक्ष्य की सफलता के, बने आप पारंगत हैं।
जीवन उनका, सुंदर है; राष्ट्र हित जीने का साहस, जिनके मन अंतर में है।
पूरा परिवेश पश्चिमकी भेंट चढ़ गया है.
उसे संस्कारित, योग, आयुर्वेद का
अनुसरण कर हम अपने जीवन को
उचित शैली में ढाल सकते हैं!
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Wednesday, May 16, 2012
17, मई 2012 आज 17 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन
माँ, जो गर्भ से मृत्यु तक, हर पल अपने बच्चों के हर दुःख सुख की साथी, जिसकी गोद हर पीड़ा का हरण करती है। बचपन ही नहीं वृद्धावस्था व् जीवन के अंत तक हर पल जब भी तुझे स्मरण करता हूँ भाव विहल हो जाता हूँ। माँ, तेरी याद बहुत आती है, ....माँ, तेरी याद बहुत आती है।
माँ, इन 2 वर्षों में दामाद और बहु भी हो गए हैं शीघ्र ही अगली पीडी भी हो जाएगी। दामाद- सिद्धार्थ है, तथा बहू शालिमा है। तिलक- संपादक युग दर्पण मीडिया समूह, 9911111611, 9654675533.पूरा परिवेश पश्चिमकी भेंट चढ़ गया है.
उसे संस्कारित,योग,आयुर्वेद का अनुसरण कर
हम अपने जीवनको उचित शैली में ढाल सकते हैं!
आओ मिलकर इसे बनायें- तिलक
Tuesday, May 8, 2012
वैचारिक क्रांति द्वारा व्यापक परिवर्तन का शंखनाद
वन्दे मातरम,
व्यावसायिक पत्रकारिता सौम्य सार्थक नहीं रही;
सूचनाएं मूल्यजनक बनी मूल्यपरक नहीं रहीं;
समाज, व्यवस्था, जीवन शैली स्वस्थ नहीं रहे;
कपटपूर्ण प्रदर्शन ही है, मन की पवित्रता नहीं रही;
सुधार समर्पित पत्रकारिता हमारा पवित्र मिशन है !..
मित्रों, युग दर्पण मीडिया समूह द्वारा विविध विषयों के 25 ब्लाग, आर्कुट, फेसबुक, व उन पर समुदाय व समूहों तथा ट्विटर के अतिरिक्त 4 यूसर चैनलों का अंतर ताने पर महाजाल ! आपको आमंत्रित करता है:- वैचारिक क्रांति द्वारा आओ हम सब मिलकर मा. जय प्रकाश नारायण की कल्पना का व्यापक परिवर्तन करते भारत को सशक्त,समर्थ व स्वावलंबी तथा संपन्न बनायें ! जय भारत.
-तिलक, संपादक युग दर्पण मिडिया समूह, ..
9911111611, 9654675533. website:- www. yugdarpan.co.cc
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है-युगदर्पण
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वन्दे मातरम,
व्यावसायिक पत्रकारिता सौम्य सार्थक नहीं रही;
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समाज, व्यवस्था, जीवन शैली स्वस्थ नहीं रहे;
कपटपूर्ण प्रदर्शन ही है, मन की पवित्रता नहीं रही;
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मित्रों, युग दर्पण मीडिया समूह द्वारा विविध विषयों के 25 ब्लाग, आर्कुट, फेसबुक, व उन पर समुदाय व समूहों तथा ट्विटर के अतिरिक्त 4 यूसर चैनलों का अंतर ताने पर महाजाल ! आपको आमंत्रित करता है:- वैचारिक क्रांति द्वारा आओ हम सब मिलकर मा. जय प्रकाश नारायण की कल्पना का व्यापक परिवर्तन करते भारत को सशक्त,समर्थ व स्वावलंबी तथा संपन्न बनायें ! जय भारत.
-तिलक, संपादक युग दर्पण मिडिया समूह, ..
9911111611, 9654675533. website:- www. yugdarpan.co.cc
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Saturday, March 31, 2012
श्री राम नवमी की कोटि कोटि हिदू समाज सहित आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं.....
लाखों वर्ष पूर्व त्रेता युग में जब श्राप जनित रावण कुम्भकरण व् पुत्र मेघनाद, अक्षय सहित अपनी असीम अजेय मायावी शक्तियों से मदांध हो चुका था और उसके दुष्ट सिपाहियों से त्रस्त मानवता त्राहि त्राहि कर उठी थी; नगर ही नहीं जंगलों में रहते ऋषि मुनि भी यज्ञ साधना नहीं कर पाते थे !
ऐसे में चैत्र शुक्ल नवमी के दिन अयोध्या के महाप्रतापी महाराजा दशरथ की महारानी कौशल्या के पुत्र के रूप में भगवन विष्णु के सातवें अवतार प्रभु श्री राम अवतरित हुए ! चैत्र शुक्ल के शक्ति पूजन का नोवां दिन होने तथा श्री राम का जन्म होने से इसे राम नवमी के नाम से जाना जाता है !
उत्तर प्रदेश के अयोध्या, आंध्र प्रदेश के भद्राचलम ,तमिलनाडु के रामेश्वरम में इस अवसर पर विशेष आयोजनों सहित पूरे देश ही नहीं विश्व में जहाँ भी हिन्दू समाज है 9 दिन के व्रत उपवास पूजा पाठ के बाद इस दिन श्री राम लक्ष्मण माता सीता व् हनुमानजी की रथ यात्रा धूम धाम से निकाली जाती है तथा प्रसाद लंगर की व्यवस्था भी होती है !
तिलक राज रेलन, संपादक युग दर्पण , 09911111611, 9654675533.
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Friday, March 30, 2012
हो रहा भारत निर्माण, क्या सचमुच (बेहिसाब,बेलगाम,घोटालों में)?
वो अपनी जगह ठीक कह रहे हैं, उनके स्विस खाते और इटली ही उनका भारत है तब स्विस खाते का पेट जितना फूलेगा और इटली के विकास में ही उनको भारत का विकास और निर्माण दिखे तो इसमें गलत क्या है ? हा हा हा; ....और विज्ञापन के नाम पर मीडिया को उसका हिस्सा मॉल गया तो जनता को भी वही दिखाया जायेगा ! ऐसा कब तक चलेगा, देश बिकता रहे, बिकाऊ मीडिया की घुट्टी पी पी कर जनता सोती रहेगी ? एक सार्थक विकल्प युगदर्पण के साथ जुड़कर उसे सशक्त व् सफल बनाकर हम भारत और भारतीयता को बचा सकते हैं.
युग दर्पण 2001 से राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचारपत्र है, 2007 से हरयाणा सरकार से मान्यता प्राप्त ! सभी विविध विषयों का राष्ट्र व् समाज हित सर्वोपरि आधारित सार्थक,सटीक,सुस्पष्ट,सुरुचिपूर्ण,स्वस्थ,सोम्य,संस्कारयुक्त इसे राष्ट्र व्यापी जन जन का लोकप्रिय दैनिक बनाने में आपका सहयोग वांछित है !
देश की श्रेष्ठ प्रतिभा,प्रबंधन पर राजनिति के ग्रहण की परिणति दर्शाने का प्रयास
-तिलक संपादक युगदर्पण 9911111611, 9654675533.
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देश की श्रेष्ठ प्रतिभा,प्रबंधन पर राजनिति के ग्रहण की परिणति दर्शाने का प्रयास
-तिलक संपादक युगदर्पण 9911111611, 9654675533.
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Sunday, March 25, 2012
अंग्रेजी का नव वर्ष भले हो मनाया,
उमंग उत्साह चाहे हो जितना दिखाया;
विक्रमी संवत बढ़ चढ़ के मनाएं,
चैत्र के नवरात्रे जब जब आयें।
घर घर सजाएँ उमंग के दीपक जलाएं;
खुशियों से ब्रहमांड तक को महकाएं।
यह केवल एक कैलेंडर नहीं, प्रकृति से सम्बन्ध है;
इसी दिन हुआ सृष्टि का आरंभ है।
तदनुसार 23 मार्च 2012, इस धरा की 1955885113वीं वर्षगांठ तथा इसी दिन सृष्टि का शुभारंभ हुआ.आज के दिन का महात्य -
तदनुसार 23 मार्च 2012, इस धरा की 1955885113वीं वर्षगांठ तथा इसी दिन सृष्टि का शुभारंभ हुआ.आज के दिन का महात्य -
1.भगवन राम का राज्याभिषेक. 2.युधिस्ठिर संबत की शुरूवात.3 .बिक्रमादित्य का दिग्विजय. 4.बासंतिक नवरात्र की शुरूवात.5 .शिवाजी महाराज की राज्याभिषेक.6 .राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवर जी का जन्मदिन.
ईश्वर हम सबको ऐसी इच्छा शक्ति प्रदान करे जिससे हम अखंड माँ भारती को जगदम्बा का स्वरुप प्रदान करे, धरती मां पर छाये वैश्विक ताप रुपी दानव को परास्त करे... और सनातन धर्म का कल्याण हो..
युगदर्पण परिवार की ओर से अखिल विश्व में फैले हिन्दू समाज सहित,चरअचर सभी के लिए गुडी पडवा, उगादी,
नव संवत 2069 ,चैत्र प्रतिपदा की शुभकामनाएं।
जय भबानी ,जय श्री राम,भारत माता की जय.
तिलक संपादक युगदर्पण. .
तिलक संपादक युगदर्पण. .
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है-युगदर्पण
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